गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

कहते हे लोग,
के जिन्दगी जीने के लिए ये जिन्दगी अधूरी  हे
पर जिंदादिल हर पल में जिन्दगी जिया करते हे |

और यों तो हे बहुतों जरिये पैगामों के,
पर आशिक यही काम आखों से किया करते हे |

Sharaab

साकी दो जाम शराब के पि लेने दे,
घडी दो घडी गमो को भूल लेने दे

रोता रहता हूँ,
रोता रहता हूँ, यों तो में हर वक्त,
चंद लम्हों के लिए ही सही,
मस्ती में झूम लेने दे |

Kavita

जब कभी तन्हाई में याद तुम्हारी आती हे,
मेरे वीराने से दिल में हलचल सी मच जाती हे

खो जाता हूँ में खुद में ही उन पलों,
कलम खुद-ब-खुद उठ जाती हे

लिख देती हे, दिल का हर हाल कागज पर ,
और फिर थम जाती हे

होंश आता हे तब देखता हूँ,
कविता बन जाती हे |

Tanhai

जब कभी तन्हाई मुझे घेर लेती हे,
तेरी यादें मुझे अपने आगोश में समेट लेती हे
भूल जाता हूँ में खुद को भी उन पलों,
परछाई भी फिर मुझे अपनी पराई सी लगती हे |

Maya Hi Maya

ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया
आज हर शक्स रिश्तों को तराजू में तौल रहा
अब इनमे भी हे नफे-नुक्सान की सोच रहा
इसने रिश्तों पर भी माया का रंग चडाया
ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया |

कंही किसी जमीन के लिए लड़ रहा भाई से भाई,
तो कंही चंद रुपयों के लिए हो रही मार कुटाई
अब इन्सान का सब कुछ माया में ही समाया
ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया | 

बुधवार, 16 जून 2010

Himaquat

Ham he oon chand,
Jalilo me se,
Jinhone himaquat to ki,
Ishque kar ne ki,
Magar himmat e izhar,
Kar nahi paye.

Kiya tha aagaz ishque ka,
Khoob hamne bhi,
Magar afsos ke anjam tak ,
Pahuncha n paye.