माया ही माया
ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया |
आज हर शक्स रिश्तों को तराजू में तौल रहा,
अब इनमे भी हे नफे-नुक्सान की सोच रहा,
इसने रिश्तों पर भी माया का रंग चडाया,
ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया |
कंही किसी जमीन के लिए लड़ रहा भाई से भाई,
तो कंही चंद रुपयों के लिए हो रही मार कुटाई,
अब इन्सान का सब कुछ माया में ही समाया,
ए मालिक कैसा वक्त हे आया, जंहा देखो बस माया ही माया |
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