कहते हे लोग, के जिन्दगी जीने के लिए, ये जिन्दगी अधूरी हे, पर जिंदादिल, हर पल में जिन्दगी जिया करते हे | और, यों तो हे बहुतों जरिये पैगामों के, पर, आशिक यही काम आखों से किया करते हे |
"हम हैं उन चंद, ज़लीलों में से, जिन्होंने हिमाकत तो की, इश्क़ करने की, मगर, हिम्मत-ए-इज़हार, कर नहीं पाए। किया था आग़ाज़ इश्क़ का, ख़ूब हमने भी, मगर अफ़सोस के अंजाम तक, पहुँचा न पाए।"
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