तन्हाई

जब कभी तन्हाई मुझे घेर लेती हे,
तेरी यादें मुझे अपने आगोश में समेट लेती हे,
भूल जाता हूँ में खुद को भी उन पलों,
परछाई भी फिर मुझे अपनी, पराई सी लगती हे |

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